"माँ तुझे प्रणाम" योजना वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई थी।
इस योजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार हर साल राज्य के युवाओं का चयन कर उन्हें भारत की सीमाओं का भ्रमण कराती है। ताकि राज्य के युवाओं में देश के प्रति प्रेम बना रहे और साथ ही सीमाओं पर रहकर देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के प्रति उनके मन में सम्मान की भावना बनी रहे। इस योजना में राज्य के युवाओं के लिए 15 से 25 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है। जिले के प्रत्येक विकासखंड से 10 प्रतिभाशाली युवा (05 बालक एवं 05 बालिकाएं) जिनमें 01 एनसीसी, 01 एनएसएस, 01 खिलाड़ी, 01 मेधावी छात्र, 01 स्काउट या सांस्कृतिक क्षेत्र का चयन किया जाता है। कुल लाभान्वित युवा: 14067 जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा लॉटरी के माध्यम से अलग-अलग समूहों में देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा का भ्रमण कराया जाता है तथा कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से सीमावर्ती भूमि में शहीद हुए जवानों को उनके निवास क्षेत्र से युवाओं द्वारा ले जाया जाता है। जल से श्रद्धांजलि दी जाती है तथा राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर चर्चा कर युवाओं के दृष्टिकोण को व्यापक बनाया गया है। पशुपालन, कृषि, व्यवसाय, उद्योग, सिंचाई सुविधाएं, भौगोलिक विशेषताएं, संस्कृति, रीति-रिवाज, मान्यताएं, त्यौहार आदि का भी युवाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र के निवासियों की सहायता से अध्ययन किया जाता है।
युवा सभी शहीदों के रक्त से सिंचित सीमा क्षेत्र की मिट्टी से स्वयं तथा अपने गांव/नगरवासियों का तिलक भी करते हैं तथा यात्रा समाप्ति के पश्चात अपने रोमांचक अनुभव तथा सार्थक जानकारी को अपने गांव/नगर तथा समाज के अन्य लोगों के साथ साझा करते हैं।
योजना के अंतर्गत चयनित युवाओं को यात्रा किराया, दैनिक भत्ता, आवास, भोजन, स्थानीय परिवहन व्यवस्था, अतिरिक्त बोगियों का आरक्षण, ट्रैक सूट, टी-शर्ट, किट बैग उपलब्ध कराए जाते हैं।
72 सदस्यीय दल को अनुभव यात्रा पर भेजा जाता है, जिसमें 65 युवा, 05 विभागीय अधिकारी/कर्मचारी तथा 02 पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं।